कलियुग की शुरुआत कब हुआ mantukumarbali2004, September 20, 2023September 20, 2023 पुराणों में चार युगों का वर्णन किया है जो निम्नलिखीत है सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और युगकलियंग है जो कलियुग को श्राप भी कहा जाता है लेकिन क्या आपको पता है की पृथ्वी पर कलियुग कहा से आया कैसे कलयुग का सुरुआत हुआ | आइये हम आपको बताते है क्या कभी हमने इश बात को सोचा की ऐसा क्या कारन हुआ होगा जिसके चलते पृथ्वी पर कलियुग को आना पड़ा और वह ना आया सिर्फ यहां आकर यही का हो गया इसका कारण क्या है ? कलियुग के धरती पर आगमन के गणितज्ञ आयर्भ्त ने अपनी पुस्तक में इस बात को उल्लेख किया गया है कि जब वे 23 वर्ष के थे तब कलियुग 3600 वा बर्ष चल रहा था जबकी आंकड़ो की अनुसार आर्यभट्ट का जन्म 476 इसवी मे हुआ था अगर इसका गणना की जाए तो कलियुग का आरंभ 3102 वर्ष ईशापूर्व हो चुका था जब धर्मराज युधिष्ठिर राजपाठ व अपना पुरा छोड़कर परीक्षित को सौंपकर अन्य पांडवो और द्रौपदी हिमालय से जंगल की ओर निकल गए थे उन दिनों से स्वयं धर्म बैल का रूप लेकर गाय के रूप बैठी सरस्वती पृथ्वी देवी से नदी के किनारे मिला/ गाय रूपी पृथ्वी के नयन दोनो आंसुओं से भरे हुए थे और आंखो से आसु बह रहे थे पृथ्वी को दुखी देख कर रहा नही गया और धर्म ने उनकी आँखो से बहता हुआ आंसुओ का कारण पुछने लगा देवी आप ये सोच कर तो नहीं न रो रही है की मेरे पास एक पैर है / या तो तुम इस बात सोचकर दुखी हो गी की अब हमारी उपर बुरी ताकतो का शासन होगा / कलयुग का पृथ्वी पर कब्जा इस सवाल को सुनकर पृथ्वी देवी ने बोली हे धर्म तुम मेरा बारे में तो सब कुछ जानते हो तुम ऐसे में ही दुख का कारण पुछ कर क्या फायदा हो गा ? सत्य पवित्रता क्षमा विचार स्वतंत्रा समा, दया, त्याग ज्ञान साहस सन्तोष तेज कौशल, उत्साह की र्आस्तिकता स्थिरता गौरव अहंकार हीनता आदि गुणों स्वामी भगवान श्री कृष्ण मेरे वारे मे जानने की वजह कलियुग ने हमें कब्जा कर लिया है। पहले भगवान श्री कृष्ण मेरे चरण पड़ते थे जिसकी वजह से मैं खुद का बहुत बड़ा सौभग्यशाली मानती थी लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। जिसके कारण मेरा सौभाग्य समाप्त हो गया है / धर्म और पृथ्वी इस तरह आपस में बात कर ही रहे थे उतनही देर मे असुर रूपी कलियुग वहाँ तब बैल और गाय रूपी पहुचा धर्म तब पृथ्वी को मारने लगा तभी राजा परीक्षित वंहा से उन्हों ने गुजर रहे थे जब राजा ने यहाँ दृश्य को अपने आखो से देखा तोकलियुग पर क्रोधित हो गये तब अपने धनुष पर बाण रखते हुए बोला कलियुग से तब दुष्ट पापी तुम कौन हो । इन निरही गाय और बैल का तुम क्यों सता रहे हो तु अपराधी है तेरा अपराध क्षमा योग नही है तब राजा परीक्षित ने बैल के स्वरूप मे धर्म और गाय के स्वरूप पृथ्वी देवी को तब पहचान लिया परीक्षित राजा ने तब उन्हें कहा हे वृषभ आप तो धर्म के मगे के भली भांति जानते ही है इसलिए आप किसी के बारे मे गलत नही बोलते है और नहीं गलत कहते है और नही गलत कहते हुए अपने उपर अत्याचार करने वाला का नाम भी नही बताते है हे धर्म सतयुग में आपका तप,पवित्रता, दया और सत्य चार चरण थे और त्रेता में तीन चरण रहा गये/ द्वपार में दो ही रह गये और अब कलियुग के कारन एक ही चरण रह गया है जिसे पृथ्वी देवी भी इस बात से दुखी है। कलयुग कर देगा सभी धार्मो का नास लोग बहुत असानी से कसमें खाएगे और तोड़.देगे भुल जाएगे और वचन का कोई अर्थ नहीं रहेगा लोग बहुत ज्यादा नशीले पदार्थों के चपेट मे ‘आ जायेंगे गुरुओं का कोई सम्मान करने की परंपरा समाप्त हो जायेंगे और ब्राह्मण ज्ञानी नहीं रह पायेगा सत्रियों का साहस खो जायेगा /और अपने व्यवसाय मे इमानदारी नही रह जाएगा/ पाप अपने चरण पर होगा / Blog kalayugकलियुग की शुरुआत कब हुआ